प्रारंभिक स्थिति :
पीठ या पेट के बल लेटें।
ध्यान दें :
पूरे शरीर पर।
श्वास :
सामान्य श्वास लेना।
अवधि :
2 से 5 मिनट।
अभ्यास :
पीठ के बल आराम से लेटें। पैर एक-दूसरे से थोड़े दूर रहेंगे। बाजू शरीर के साथ आराम से रहेंगे और हथेलियां ऊपर की ओर इंगित करेंगी। यदि आवश्यक हो तो घुटनों या सिर के नीचे तकिया लगा लें जिससे गर्दन और पीठ का निचला भाग आराम का अनुभव करे। आंखें बंद करे लें और पलकों को ढीला छोड़ दें। पंजों से लेकर सिर तक पूरे शरीर को अनुभव करें। > शरीर के प्रत्येक भाग पर अपना ध्यान लगायें और धीरे-धीरे सचेत रहते हुए सारे शरीर को तनाव रहित करें। आन्तरिक निस्तब्धता एवं शान्ति का अनुभव करें।> यदि अधिक सुविधाजनक लगे तो पेट के बल लेटकर तनाव मुक्त हों।
लाभ :
यह शारीरिक और मानसिक तनावहीनता लाता है। व्यायाम और योग अभ्यासों के लाभों के लिए तनावहीन होना एक महत्वपूर्ण पूर्व शर्त है। अत: आनंदासन का अभ्यास प्रत्येक व्यायाम के प्रारम्भ और समापन पर तथा अभ्यासों के बीच भी किया जाता है।