प्रारंभिक स्थिति :
पद्मासन।
ध्यान दें :
पेट पर।
दोहराना :
2-4 बार।
अभ्यास :
पद्मासन में बैठें और लगभग 5 मिनट तक श्वास के सामान्य प्रवाह पर चित्त एकाग्र करें। > प्राणायाम मुद्रा बनायें और भस्त्रिका प्राणायाम करें :
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बायें नथुने से 30 बार
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दायें नथुने से 30 बार
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दोनों नथुनों से 30 बार
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नया चक्र दायें नथुने को पहले खोलकर शुरू करें। जब भस्त्रिका के किसी अन्य चक्र को शुरू करें तो बायें और दायें नथुनों को बदलते रहें।
लाभ :
श्वसन की यह तकनीक ध्यान के लिए मन को स्वच्छ करने की अच्छी तैयारी है। यह हतप्रभता और अवसाद को दूर भगा देती है। यह प्राणायाम अभ्यास जीवन ऊर्जा (प्राण) को बढ़ाती है, यह शरीर में ऊर्जा रुकावटों को दूर करता है और चक्रोंको शुद्ध करती है।
सावधानी :
यह श्वास व्यायाम तभी अभ्यास में लाना चाहिए जब "दैनिक जीवन में योग" की प्रणाली के अनुसार प्राणायाम के सभी पूर्व स्तरों का अभ्यास विधिवत किया जा चुका हो।