प्रारंभिक स्थिति :
सीधी टांगें करके बैठें।
श्वास :
सामान्य श्वास लें।
अवधि :
लगभग 1/2 मिनट।
ध्यान दें :
कूल्हों पर।
अभ्यास :
सीधी टांगें रखकर बैठें। घुटनों को मोडें और पैरों के तलवों को एक साथ रखें। पैरों की अंगुलियों को हाथों से पकडें और पैरों को शरीर के यथासंभव निकट लायें। > सामान्य श्वास लेते हुए घुटनों को ऊपर और नीचे करें - जैसे तितली के पंख हिलते रहते हैं। कूल्हों को ढीला छोड़ दें और बिना दबाव डाले, घुटनों को फर्श की तरफ आने दें। फिर प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं।
भिन्न-भिन्न प्रकार :
हाथों को घुटनों पर रखें। थोड़े से दबाव के साथ घुटनों की गति में सहायता करें। कोहनियां बाहर की ओर रहेंगी। > रेचक करते हुए शरीर का ऊपरी भाग आगे की ओर लायें और हाथों से घुटनों का हिलाना जारी रखते हुए सिर को यथासंभव पंजों के निकट लायें।
लाभ :
ध्यान मुद्रा की तैयारी के लिए अच्छा है। कूल्हों की रक्त आपूर्ति को सुधारता है व आराम देता है।
आसन इन निम्नलिखित श्रेणियों में शामिल किया जाता है:
कूल्हों के जोड़ों की गतिशीलता बढ़ाने हेतु आसन और व्यायाम